poetry

कार्टून श्रृंख्ला- अग्रबाह का अलादीन

अलादीन और जैस्मिन की अनूठी प्रेम कहानी,
याद दिला देती है एक अलग ही दुनिया की,
बचपन की ये यादें आज भी दिल को लुभाती हैं,
ज़रूर याद आ जाएगा आप सभी को भी,
चलो फिर से बचपन जीने चलें एक कविता के माध्यम से।

अलादीन और जैस्मिन

अग्रबाह का अलादीन 


अग्रबाह के महलों में रहती थी एक राजकुमारी, 

मन था उसका कोमल, बातें करती प्यारी प्यारी, 

फूलों सी थी वो नाज़ुक और सुन्दर,

मगर दिल था एक तूफानी समंदर, 

जैस्मिन था उसका नाम,

सच्चा इश्क़ पाना था उसका मुकाम,

सड़कों का मसीहा था एक लड़का नटखट, 

साथी था उसका अबू एक बन्दर,

दोनों करते मिलके शरारत, 

चाहता था वो जैस्मिन को,

मगर कैसे उसे पाता,

 जाफर और उसका तोता यागो दिन रात राजा को भटकता, 

मगर एक दिन उसकी किस्मत जागी,

दौड़के तकदीर उसके पास भागी, 

मिला उसे एक कालीन,

और एक जादुई दीपक में जिन्न, 

जिन्न से मांगी एक ही मुराद,

करदे मेरा प्यार आबाद, 

बन गया राजकुमार अलादीन, 

जाफर यागो को अग्रबाह से हटाया, 

राजा को समझाया, और जैस्मिन को रिझाया,

कहते हैँ दिल में अगर सच्ची हों चाहत,

तो खुदा चमका ही देता है अपने प्यारे बन्दे की बुझी सी वो किस्मत l

बचपन: प्रेम: यादें

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