माँ के नौ रूपों में आज माँ शैलपुत्री को अर्पित ये काव्यांजलि |

श्वेत रंग की पवित्रता लिए,
पर्वतों की ढृंढता लिए,
काया में सौम्यता लिए,
आभा में भव्यता लिए,
शीर्ष शोभित अर्द्ध चन्द्र से,
हस्त में विराजित त्रिशूल और पंकज,
नंदी की सवारी करती,
माँ पार्वती का प्रतिरूप,
महादेव की सुन्दर अर्धांगिनी,
माँ शैलपुत्री को मेरा शत शत नमन |
ॐ या देवी सर्वभूतेषु करुणरूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
का जाप किए,
श्वेत सुगन्धित पुष्प अर्पित करुँ चरणों में तेरे,
कपूर लौंग की ज्योत जलाकर,
भोग लगाऊँ क्षीर मिश्री का,
संकल्प लूँ आज मैं,
सदा स्थिर और ढृंढ़ रहने का,
हर स्तिथि में,
हर अवस्था में |
नवरात्री : देवी : शैलपुत्री