जैसे भोजन में छः प्रकार के रस होते हैं, जो एक संतुलन देते हैं आहार को, उसी प्रकार रिश्तों में भी रस होते हैं, जो मिल जुलकर एक जीवन में एक संतुलन बनाए रहते हैं |

षड रस
मधुर स्नेह माँ का,
एक सुकून पहुँचाता है,
व्याकुल इस मन को |
अम्ल स्वाभाव पिता का,
तीक्ष्ण सा एहसास पहुँचता है,
सुस्त से इस तन को |
लवण स्वर भ्राता के,
एक उत्साह ले आते हैं,
उबाऊ से इस जीवन में |
कटु उपदेश गुरु के,
स्पष्टता ले आते हैं,
उलझे से इस ह्रदय में |
तिक्त आलोचना गैरों की,
शुद्ध कर देती है,
पाखण्ड की ओर बढ़ते खुद को |
कशाय ज्ञान आत्मन का,
एकाग्र कर देता है,
बिखरे से जीवन को |
जीवन : रस : रिश्ते