दर्शन, poetry, Soulful, Spiritual

प्रेम की बूँदें

ये जीवन एक नीर सा,

बहता रहता है हर पल,

कभी शाँत, तो कभी उग्र,

कभी असन्तुलित, तो कभी समतल,

कभी शीतल, तो कभी ऊष्ण |

आज,

इस नीर को हथेली में भरकर,

प्रेम का रूप दिया,

और कुछ इस कदर,

मीत पर इसकी बौछार हुई |

कुछ बूँदें समावेश की,

खुद में तुझको विलीन करके,

आलिंगन आत्माओं का हुआ |

बूँदें हर्ष की, उल्लास की,

बतलाती,

प्रेम को महसूस करना ही,

उत्सव है जीवन का |

बरसी बूँदें करुणा की,

शालीन और कोमल एहसास लिए,

दर्शाती मधुरता प्रीत की |

शेष बूँदें संवेदना की,

भेंठ के रूप में,

मीत को अर्पित करते हुए,

समर्पण और त्याग,

जो ज़रूरी है,

प्रेम ही नहीं,

इस नीर के सदा बहते रहने के लिए |

दर्शन : पवित्र : प्रेम

2 thoughts on “प्रेम की बूँदें”

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