
इस कोमल गुलाबी देह पर,
एक निखार सा आ गया,
जब बिखरी इस पर,
ओस की मोती जैसी बूँदें,
हल्की सर्द सुबह में,
और यूँही बरकरार रही,
ये खूबसूरती और ये निखार,
बनाते हुए प्रेम का एक अनूठा दृश्य,
इस सुन्दर प्रकृति में |
ओस : बूँदें : प्रेम
इस कोमल गुलाबी देह पर,
एक निखार सा आ गया,
जब बिखरी इस पर,
ओस की मोती जैसी बूँदें,
हल्की सर्द सुबह में,
और यूँही बरकरार रही,
ये खूबसूरती और ये निखार,
बनाते हुए प्रेम का एक अनूठा दृश्य,
इस सुन्दर प्रकृति में |
ओस : बूँदें : प्रेम
बहुत खूब
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धन्यवाद 😊🙏🏻
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