TULIP BROOK SAYS… In a world full of hate, Lets pour some love,through soothing drops of poetry.
Beautiful People in Our Lives- Part I
Beautiful people in our lives-Part I Remembering Saundarajan Aunty (In orange saree with spectacles).She reminds me of the beautiful Tamil culture.As a kid, I used to visit her home often (a government bungalow built during British times in British architectural style).What a lovely home it was.Though the outer façade looked British, tbe interiors evoked the…
अहम् की अपूर्ण यात्रा
Image source : internet अहम् की अपूर्ण यात्रा एक सुर्ख सिंदूरी एहसास लिए है ये रैना,जैसे अतीत की स्थिर स्मृतियाँ,अस्थायी सा जंग लिए हो कोई,और वर्तमान के ये गतिशील जज़्बात,पुलकित भाव उजागर कर रहें हो भीतर | जैसे जैसे मेरी सतह निस्तेज होती गई,आतंरिक चुभती विषकत्ता को हटाती हुई,वैसे वैसे वो प्रकट करती गई,एक परत…
पुरुषार्थ
कलयुग की सच्चाई -अर्थ एवं काम पुरुषार्थ में मग्न मनुष्य जाति,धर्म पुरुषार्थ का तिरस्कार करती हुई,अपने अंतिम लक्ष्य – मोक्ष पुरुषार्थ को अज्ञानता के माया जाल में भ्रमित होकर, संपूर्णतः भूलती हुई,अपने ही पतन की तैयारी कर रही है |ये केवल किसी आध्यात्मिक प्रवचन का विषय नहीं है,ये मनुष्य जति के अस्तित्व का, उसकी चेतना…
Eunoia
Eunoia When life keeps pricking you deep,Like the desert wind kissed thorns,Each one stinging your conscience,Leaving you scarred and painful,Yet you decide to bloom,Yet you decide to stay fragrant,Yet you decide to showcase your true beauty,That’s Eunoia.
आफताब की रौशनी, औरअब्र की परछाई, दोनों फलक के हिस्से ही आए | ज़िन्दगी का फलसफ़ा ❤
संगीत
संगीत क्षण क्षण में संगीत,कण कण में संगीत,हर श्वास में संगीत,हर आभास में संगीत | सागर के ठहराव में,नदी के बहाव में,झरनों की हुंकार में,वृष्टि की बौछार में,नीर के हर रूप में,हर बूँद में है संगीत | मरुस्थल के अनुर्वर में,घासस्थल के उर्वर में,भूमि की हर माटी में,चट्टानों में,घाटी में,है संगीत | बयार की अनवरत…
वेदना
वेदना की आवृत्ति जब जब उजागर होती गई, तब तब एक गूढ़ शक्ति उसे तिरोहित करती गई, मानो जैसे इस अपरिमय अनन्त के, अस्तित्वहीन सिरों से मुद्रित होती गई, निदोल सा ये जीवन होता गया, ह्रदय जितना इसका अवशोषण करता गया, अभिव्यक्ति उतनी ही तीव्र होती गई, दोनों में द्वन्द्व बढ़ता ही गया, और यूँही…
आभास
ये अश्रुधारा कोई आगंतुक नहीं,निवासी है इस ह्रदय द्वीप की,इसका आगमन नहीं हुआ कभी,ये आरम्भ से है विभव लिए,एक सैलाब के अस्तित्व का,मगर स्थिर रहती है फिर भी,प्राण वेग को उत्प्लाव देती हुई,ठहराव की सुगम प्रबल स्तिथि से,रिसाव की विश्रृंखल दुर्बल अवस्था में,तब ही आती है ये,जब होता है एक निर्दयी आघात,इसके धैर्य पर,इसकी स्तिरथा…
सिया के राम
विरह के ताप में,प्रेमाग्नि प्रज्वलित हुई,औरह्रदयों को सौहर्द मिलता रहा |सिया की गरिमा की रक्षा,राम के शौर्य की परीक्षा,दोनों ही इस अग्नि ने की |और प्रदान हुई,तिमिर बेला से आतंरिक दृष्टि,औरइस व्याकुल मन को संतुष्टि |प्रेमाग्नि ने आत्मबल दिया,हर शंका का हल दिया,सिया और राम के,मिलन के मार्ग बनते गए,साथी और सारथी दोनों ही,इस मार्ग…
Loading…
Something went wrong. Please refresh the page and/or try again.
Follow My Blog
Get new content delivered directly to your inbox.