
पटिया पे सजाई बूँदें कुछ रंगों की,
सफ़ेद, पीला, नारंगी, लाल, गेरुआ,
बनाऊँगी इन रंगों से आज,
कोई चित्रा निराला,
भीगी तूलिका से,
भरूँगी इस पृष्ठभूमि को,
हल्के गेरूए रंग से,
खीचूँगी कुछ रेखाएँ सफ़ेद,
बनाऊँगी लौ परत दर परत,
हल्के पीले सरसों मैं जैसे,
मिलता हो यूँ हौले हौले,
उगते भानू का नारंगी रस,
दमकती हो जिससे आभा,
सुलगते उग्र यौवन के,
लाल लहू की,
शीतलता देता इन्हें,
माघ के चाँद की किरणें,
सफ़ेद धारियों वाली |
पटिया : रंग : जीवन