दर्शन, philosophy, Soulful, Spiritual

रास्ता

Source : Aakash Veer Singh Photography

रास्ता ये ख़त्म होते जब नज़र आया ,

एक अदृश्य राह प्रारम्भ हो गई,

मुसाफ़िर सा मैं यूँ सोचने लग गया,

ये कौनसी आरज़ू उजागर हो गई,

धरा से जुड़े थे देह और ये साया,

मगर अब इन्हें नीर से मिलन की चाहत हो गई,

बाहर एक कदम जब हौसले का उठाया,

तब अन्दर भरी शंका कहीँ खो हो गई,

धीरे धीरे मैं इस जल में सुकून से यूँ बहता गया,

जैसे सदियों पुरानी तड़प की ये तलाश ख़त्म हो गई,

और फिर देह और इस साये को मैं यूँ त्याग आया,

जैसे आत्मा की इस बंधन से सदा के लिए मुक्ति हो गई |

रास्ता : धरा : नीर

दर्शन, inspiration

इतिहास

Source : Aakash Veer Singh Photography

सब कुछ ठहरा ठहरा सा है यहाँ,

इतिहास चुप चुप सा नज़र आता है,

ये स्तम्भों का समूह,


बयाँ कर रहा है कोई दास्तान,


फ़तेह की और पतन की भी,

जीवन की विडम्बना है यह,
और एक स्पष्ट सत्य भी,

कि ठहराव में भी हलचल हो सकती है,

बंजर में भी जीने की हसरत हो सकती है,

एक नन्हा सा बच्चा यूँही,

बेफ़िक्र और मदमस्त,


दौड़ता इस इतिहास के धरातल पर,


छोड़के निशान अपने कोमल अस्तित्व की,

चला जाता है गुमनाम सा |

एक बलवान नौजवान भी,

उठाता अपने कदम इस कदर शान से,

जैसे जी रहा हो विजय की गाथा कोई,

और एक लड़खड़ता वृद्ध पुरुष,

ठहर जाता वहीं इस चिंतन में,

जैसे खो दिया हो बहुत कुछ,

थोड़ा सा पाने की लालसा में |


वर्त्तमान भी एक दिन इतिहास बनेगा,

जो छूट गया,

जो टूट गया,

वो भी एक दिन,


एक मनमोहक रास बनेगा |

इतिहास : एहसास : अस्तित्व

inspiration, Soulful

कदम

हिम्मत का एक कदम जब बढ़ाया आज,

तो डर के सैकड़ो जज़्बात चरमरा गए,

और जीने की उम्मीद इस कदर जागी इस दिल में ,

मानों जैसे हज़ारों चिराग जगमगा उठे |

कदम : हिम्मत : उम्मीद

poetry, Shayari, Souful

शुकरान

जो काम बदर भी ना कर पाया,

वो आप कर गए,

दो कदम क्या पड़े आपके,

मानों जैसे इस कूचे को,

सैकड़ो चिराग रोशन कर गए |

जज़्बात : चिराग : रोशनी