
संगीत
क्षण क्षण में संगीत,
कण कण में संगीत,
हर श्वास में संगीत,
हर आभास में संगीत |
सागर के ठहराव में,
नदी के बहाव में,
झरनों की हुंकार में,
वृष्टि की बौछार में,
नीर के हर रूप में,
हर बूँद में है संगीत |
मरुस्थल के अनुर्वर में,
घासस्थल के उर्वर में,
भूमि की हर माटी में,
चट्टानों में,घाटी में,
है संगीत |
बयार की अनवरत गति में,
बवंडर की क्षणिक यति में,
अनिल की हर रफ़्तार में,
है संगीत |
एक लौ के सौहार्द में,
एक ज्वाला के संताप में,
सूर्य में,
इंदु में,
अनन्त के अज्ञात सिरों में,
ब्रह्माण्ड के केंद्र बिन्दु में,
है संगीत |
प्रदीप्ति