
तिरोहित हो रहा है हौले हौले,
शिखर के शीर्ष पर कान्तिमान,
कनक का ये रमणीय आभूषण,
हो रहा है क्षण क्षण परिवर्तित,
इसका रंग, प्रकाश, और आकार |
इसके आलेख का सिरा,
धीरे धीरे छोड़ रहा है,
गगन की कोमल ओढ़नी पर,
पीले नारंगी रंग का मिश्रण,
और
बादलों की विषम आकृति में,
यूँ मृदुलता से घुल रहा है,
वक़्त की धीमी आँच पे,
चाशनी सा मदहोश करने वाला,
एक अद्भुत नज़ारा बनाने |
नज़ारा : प्रकृति : सुकून