philosophy, poetry, Soulful

स्पर्श

उठा लेती हूँ उन्हें भी,
बड़े ही स्नेह से,
जिन्हें खुदके प्रियवर ने त्याग दिया,
मालूम है मुझे ये सच्चाई,
इस स्नेह से ये फिर घर नहीं जा पाएँगे,
मगर कुछ क्षणों का कोमल स्पर्श,
इन्हें सुकून ज़रूर देगा,
नश्वरता को आलिंगन में लेने के लिए,
स्वैच्छा से, मधुरता से,
मिट्टी में विलीन होना भी आवश्यक है,
इस काल चक्र के संचालन के लिए,
फिर उजागर होने के लिए,
किसी और रूप में,
कोई और अस्तित्व लिए,
मगर सिर्फ़  प्रेम से,
जन्म से मरण तक,
फिर जन्म लेने के लिए |

दर्शन, poetry, Soulful, Spiritual

प्रेम की बूँदें

ये जीवन एक नीर सा,

बहता रहता है हर पल,

कभी शाँत, तो कभी उग्र,

कभी असन्तुलित, तो कभी समतल,

कभी शीतल, तो कभी ऊष्ण |

आज,

इस नीर को हथेली में भरकर,

प्रेम का रूप दिया,

और कुछ इस कदर,

मीत पर इसकी बौछार हुई |

कुछ बूँदें समावेश की,

खुद में तुझको विलीन करके,

आलिंगन आत्माओं का हुआ |

बूँदें हर्ष की, उल्लास की,

बतलाती,

प्रेम को महसूस करना ही,

उत्सव है जीवन का |

बरसी बूँदें करुणा की,

शालीन और कोमल एहसास लिए,

दर्शाती मधुरता प्रीत की |

शेष बूँदें संवेदना की,

भेंठ के रूप में,

मीत को अर्पित करते हुए,

समर्पण और त्याग,

जो ज़रूरी है,

प्रेम ही नहीं,

इस नीर के सदा बहते रहने के लिए |

दर्शन : पवित्र : प्रेम