नीर समझकर हमें जिन्होंने,
सिर्फ़ एक अनुयायी के रूप में ही देखा,
और ये ही अपेक्षा करते रहे,
कि ये तो नीर है,
जैसा भी दायरे दोगे,
ये उस दायरे में समा जाएगा |
वो ये नहीं समझ पाए कभी,
कि समायोजन करके इसका,
अनुनेय व्यक्तित्व वाला नीर भी,
एक हद्द के बाद,
हर सीमा,
हर दायरे को पार कर,
सिर्फ़ एक ही काम करता है,
सैलाब लेकर आता है |
पटरा कर देना ज़माने का काम था,
हमने तो सिर्फ़ अपना जलवा दिखा दिया |