दर्शन, inspiration, philosophy, poetry

कुछ

कुछ पूरा हुआ,
कुछ अधूरा रहा,
कुछ छूट गया,
कुछ बाकी है,
कुछ मिल गया,
कुछ खाली है,
कुछ पास है,
कुछ दूर हुआ,
कुछ ख्वाहिशें थी,
कुछ मजबूरियाँ रहीं,
कुछ चाहते थी,
कुछ रंजिशे रहीं,
कुछ सुकून मिला,
कुछ तड़प रही,
कुछ बातें थी,
कुछ ख़ामोशी भी,
कुछ गर्माहट रही,
कुछ ठंडक भी,
कुछ तक़लीफ़ रही,
कुछ स्तब्ध भी,
कुछ चलता रहा,
कुछ रुक गया,
कुछ जलता रहा,
कुछ बुझ गया,
यूँही ज़िन्दगी में,
हर पल-
कुछ ना कुछ रहा,
और
कुछ ना कुछ नहीं |

ज़िन्दगी : सोच : पल

दर्शन, inspiration, philosophy, Soulful

रंग

© tulip_brook

रंग ज़िन्दगी के कुछ ऐसे हैं,

कुछ फीके, कुछ गाढ़े,

कुछ उथले, कुछ गहरे,

कुछ निर्मल, कुछ उग्र,

कुछ शान्त, कुछ चँचल,

कुछ खामोश,कुछ गूंजते,

कुछ अधूरे, कुछ पूरे |

हर रंग एक जज़्बात उजागर करता है,

एक एहसास से जुड़ जाता है,

कभी उम्मीद बन जाता है,

कभी सबक बन जाता है,

कभी ख़्वाब बन जाता है,

कभी याद बन जाता है,

कभी चाहत बन जाता है,

कभी नफ़रत बन जाता है |

कोई इसे धर्म से जोड़ देता है,

कोई इसे कर्म से जोड़ देता है,

कोई इसे जंग का जामा पहना देता है,

कोई इसे शान्ति का प्रतीक बना देता है,

कोई इसे विजय के स्तम्भ पर सजाता है,

कोई इसे शिकस्त के खंडर पर बैठाता है,

कोई इसे संकुचित दायरे में बाँध देता है,

कोई इसे असीमता में घोल देता है,

कोई इसे उत्सव के रूप में मनाता है,

कोई इसे शोक में जताता है |

रंग एक कविता भी है,

रंग एक कहानी भी,

रंग एक आवाज़ भी है,

रंग एक मौन भी,

रंग शब्द भी है,

रंग निशब्द भी,

रंग एक तथ्य भी है,

रंग एक रहस्य भी |

रंग : ज़िन्दगी : सोच

philosophy, poetry, Soulful

गोधुली की शरारत

शाम का समय हमेशा एक अलग ही आभास लेके आता है | कुछ छूटता चला जाता है, कुछ मिलने लगता है | मन बेचैन होता है और दिल शरारती | असमंजस सी बनी रहती है | एक अनोखी सी असमंजस |

बादलों ने फिर एक शरारत की,

खेल आँख मिचोली सूरज संग,

उजागर कीए दबे दबे कई अरमान,

इस दिल – ए – नादान की अधूरी चाहत की,

लगा देखकर इस धुंदले से नज़ारे को,

जैसे कोई प्रेम मिलाप हुआ हो अभी,

बस घुलता जा रहा हो सूरज यूँही ,

इन घने बादलों में कहीँ,

छोड़कर अपना सुनहरा चमकता रंग,

इन फिँकें नीले बादलों में कहीँ,

फिर धीरे धीरे श्याम रंग में रम रहा हो,

इन गहरे देह के बादलों में कहीँ |

लगता है जैसे,

ये मिलन है एक समर्पण का इस सूरज के,

इन गोधुली के बादलों में कहीँ |

बादल : सूरज : प्रेम