दर्शन, inspiration, philosophy

पटिया

©tulip_brook

पटिया पे सजाई बूँदें कुछ रंगों की,

सफ़ेद, पीला, नारंगी, लाल, गेरुआ,

बनाऊँगी इन रंगों से आज,

कोई चित्रा निराला,

भीगी तूलिका से,

भरूँगी इस पृष्ठभूमि को,

हल्के गेरूए रंग से,

खीचूँगी कुछ रेखाएँ सफ़ेद,

बनाऊँगी लौ परत दर परत,

हल्के पीले सरसों मैं जैसे,

मिलता हो यूँ हौले हौले,

उगते भानू का नारंगी रस,

दमकती हो जिससे आभा,

सुलगते उग्र यौवन के,

लाल लहू की,

शीतलता देता इन्हें,

माघ के चाँद की किरणें,

सफ़ेद धारियों वाली |

पटिया : रंग : जीवन

दर्शन, inspiration, philosophy

एक

© tulip_brook

जब निकले कंचन काया से,

लाल लहू सा एक शिम्ब,

और वो बने एक घाम गर्भ,

फल, फूल के उत्पत्ति का,

तब मिलता है ये प्रमाण-

प्रकृति की ये विविधता,

एक स्तर पर बोध कराती है,

समानता है,

सदृश्यता का |

सब एक ही हैं,

भिन्न होकर भी |

एक : प्रकृति : सदृश्यता